भाजपा के साथ बढ़ती जा रही है चिराग की नजदीकियां, हो सकते हैं NDA में शामिल credit by News Nation TV
लो क जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख जमुई के सांसद चिराग पासवान के बिहार के दो विधानसभा सीटों गोपालगंज मोकामा में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि चिराग फिर से एनडीए में वापसी करेंगे.
कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद चिराग ने भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने का फैसला किया, हालांकि उन्होंने अभी खुलकर स्वीकार नहीं किया है कि वे एनडीए के साथ आने वाले हैं. इसमें केाई शक नहीं कि वर्ष 2020 में लोजपा के संरक्षक रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद बिहार की दलित राजनीति में रिक्तता आई है, जिसे अब तक भरा नहीं गया है. इस बीच, पासवान के पुत्र चिराग को पासवान वोटरों का नेता माना जा रहा है. ऐसे में भाजपा चिराग पर दांव लगा रही है.
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में जद (यू) के नीतीश कुमार एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ चले गए हैं, जिसके बाद चिराग के एनडीए के साथ जाने का रास्ता साफ माना जा रहा है. चिराग खुद कहते हैं कि मोकामा गोपालगंज में हमारी पार्टी भाजपा का समर्थन कर रही है, लेकिन अभी एनडीए के साथ जाने के लिए चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि एनडीए के साथ गठबंधन की बात है, उसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करनी है.
वैसे, चिराग कुछ समय से अपनी पार्टी के गठबंधन के साथ जाने को लेकर विचार कर रहे हैं. बिहार में सत्तारूढ महागठबंधन में फिलहाल नीतीश की पार्टी जदयू के अलावे राजद सहित सात पार्टियां हैं, जिसमें तय है कि चिराग को समस्या हो सकती है. ऐसी स्थिति में लोजपा (रामविलास) के नेता एनडीए को अच्छा विकल्प मानकर आगे बढ़ रहे हैं. इधर, भाजपा के पास कोई गठबंधन सहयोगी नहीं होने के कारण भाजपा भी चिराग को एक महत्वपूर्ण सहयोगी के तौर पर देख रही है.
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो भागों में विभक्त हो गई है. एक धडे राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का नेतृत्व चिराग के चाचा हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस ने किया जबकि एक धडे का नेतृत्व चिराग कर रहे हैं. पारस की पार्टी फिलहाल एनडीए के साथ हैं. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी एनडीए से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरी थी. जदयू के कम सीट आने का कारण चिराग को माना गया था. इधर, जदयू के एक नेता कहते भी हैं कि चिराग के एनडीए के साथ आने की बात कोई नई नहीं है. चिराग पहले भी भाजपा के साथ ही थे. चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर लगातार निशाना साधते रहते हैं. कहा यही जा रहा है कि नीतीश के एनडीए से जाने के बाद चिराग के लिए एनडीए में जाने का रास्ता साफ हो गया.🌎🌎🌎🌎🌎🌎
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